हिंदी ब्लॉग जगत से जुडने के बाद प्रतिवर्ष भाइयों के पास दिल्ली यानि नांगलोई जाना हुआ , पर इच्छा होने के बावजूद ब्लोगर भाइयों और बहनों से मिलने का कोई बहाना न मिल सका। इस बार दिल्ली के लिए प्रस्थान करने के पूर्व ही ललित शर…
पिछले आलेख में मैने बताया कि इस बार की दिल्ली यात्रा मेरे लिए बहुत ही सुखद रही, पर पूरे महीने दिलो दिमाग में दुर्घटनाओं का खौफ छाया रहा। 5 मई को बोकारो से प्रस्थान की तैयारी में व्यस्त 4 मई को मिली एक भयावह दुर्घटना की …
यूं तो पिछले तीन वर्षों से मई या जून महीने में मुझे दिल्ली में ही रहने की जरूरत पडती रही है , पर इस वर्ष की दिल्ली यात्रा बहुत खास रही । पूरे मई महीने दिल्ली में व्यतीत करने के बाद कल ही बोकारो लौटना हुआ है , इस दिल्ली यात…
दोपहर से कांप रहा है बदन .. न कुछ खाने की इच्छा है .. और न ही कुछ कर पाने की हिम्मत .. मन हल्का करने के लिए कभी भाई बहनों को फोन करती हूं .. और कभी दोस्तो को .. फिर भी मन हल्का होने का नाम ही नहीं ले रहा .. इंटरनेट भी खोल…