प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद मूर्तियां

यह जानते हुए कि पैरों के बिना सही ढंग से जीवन जीया नहीं जा सकता , हम अपने शरीर में पैरों का स्‍थान सबसे निकृष्‍ट मानते हैं। शायद शरीर के सबसे निम्‍न भाग में होने की वजह से गंदा रहने और किटाणुओं को ढोने में इसकी मुख्‍य भूमिका ह…

खुशदीप सहगल जी का मक्‍खन .. आज मेरे ब्‍लॉग पे

मक्‍खन पहली बार शहर जा रहा था , मक्‍खनी को भय था कि वहां मक्‍खन बेवकूफ न बन जाए, क्‍यूंकि उसने सुना था कि वहां के लोग गांववालों को बहुत बेवकूफ बनाते हैं' 'शहर से लौटकर मक्‍खन ने बताया कि वो खामख्‍वाह ही उसे बेवकूफ समझ…

दहेज और कन्‍या देकर भी लडकी वाले जीतते थे

एक कथा  में कहा गया है कि पूरी धरती को जीतने वाला एक महत्‍वाकांक्षी राजा अधिक दिन तक खुश न रह सका , क्‍यूंकि वह चिंति‍त था कि आपनी बेटी की शादी कहां करे , क्‍यूंकि इस दुनिया का प्रत्‍येक व्‍यक्ति न सिर्फ अपनी बेटियों का विवाह अ…

मिलिए आज की मॉडर्न राधा से !!

दिल्‍ली यात्रा के दौरान सबसे अधिक मौका भतीजे भतीजियों के साथ रहने का मिला। ये है साढे चार वर्षीय यूरी सेठी , तीन वर्ष की उम्र तक खाना ही नहीं जानती थी , सिर्फ दूध पीकर या दूध में कोई खाद्य पदार्थ पीसकर गटकती रही। आजकल किसी तरह एक…

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