एक महीने से नेट से दूर हूं , पंद्रह दिनों तक भतीजे के ब्याह की व्यस्तता बनी रही , उसके बाद खुद के अपने क्वार्टर में शिफ्ट होने की तैयारी में व्यस्त हूं। इस दौरान होली की शुभकामना भरा एक पोस्ट प्रकाशित ही नहीं हुआ . पिछले…
सरस्वती पूजा को लेकर सबसे पहली याद मेरी तब की है , जब मैं मुश्किल से पांच या छह वर्ष की रही होऊंगी और सरस्वती पूजा के उपलक्ष्य में शाम को स्टेज में हो रहे कार्यक्रम में बोलने के लिए मुझे यह कविता रटायी गयी थी ... शाला से जब श…
hamari kahani ‘क्या हुआ, ट्रेन क्यूं रूक गयी ?’ रानी ने उनींदी आंखों को खोलते हुए पूछा। ’अरे, तुम सो गयी क्या ? देखती नहीं , बोकारो आ गया।‘ बोकारो का नाम सुनते ही वह चौंककर उठी। तीन दिनों तक बैठे बैठे कमर में दर्द सा हो रह…
आज प्रस्तुत है .. मेरी छोटी बहन श्रीमती शालिनी खन्ना की एक रचना 'आदर्शवादी सास की बहू'.. पहले यह नुक्कड पर भी पोस्ट हो चुकी है .. टी वी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, स्कूटर, क्या करूंगी ये सब लेकर, बस एक अच्छी सी बहू चाहिए …