बचपन में मैं ऐसी ही कुंडलियां बनाती होऊंगी ......

अपने द्वारा बनायी गयी 27 वर्ष पहले की जन्‍मकुंडली मिलने के बाद मैं ज्‍योतिष के क्षेत्र में अपने अनुभव को लेकर काफी खुश थी और इंतजार कर रही थी कि पापाजी कब दिल्‍ली पहुंचे और मैं उनसे इस संबंध में बात कर सकूं। जैसे ही उनके दिल्‍ली…

ज्‍योतिष का अनुभव

अपरिचित लोगों के फोन का आना मेरे लिए बिल्‍कुल सामान्‍य बात है । परसों रांची से एक सज्‍जन ने मेरे मोबाइल पर फोन किया। उन्‍होने नाम बताया , पर नाम नहीं बता सकती मैं। उन्‍होने परिचय देते हुए बताया कि 27 वर्ष पूर्व वे मेरे पिताजी …

दोनो बच्‍चों के लिए स्‍वीट बनी रहे !!

बच्‍चों के लिए मां का क्‍या महत्‍व है , यह उन बच्‍चों से पूछिए जिनकी माता नहीं और वे दूसरे बच्‍चों के सुख देखकर आहें भरते हैं। वैसे समय इतना गतिशील है कि किसी के होने न होने का इसपर कोई प्रभाव नहीं पडता। पिछले वर्ष 3 मई को हुई एक…

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