..... बस यादें ही तो शेष रह जाती हैं हमारे पास !!!!

परसों शाम जैसे ही ब्‍लॉगर का डैशबोर्ड रिफ्रेश किया , अलबेला खत्री जी की एक पोस्‍ट के शीर्षक पर नजर गयी। भगवान करे यह सच न हो , झूठ हो , डॉ अमर कुमार जी जीवित ही हों  , पढने के बाद इसे खोलने की हिम्‍मत ही नहीं हो रही थी। कांपते …

एक अच्‍छी खबर

काफी दिनों से ब्‍लॉग लेखन में अनियिमितता बनी हुई है , कई तरह के पूर्वानुमान मन में ही रह जाते हैं , जिसके कारण पाठक जानकारी से वं‍चित रह रहे हैं। पहले मैं मौसम के क्षेत्र की भवष्यिवाणियां हमेशा किया करती थी , जिससे आम जन को मौस…

तभी तो धूम होती है ... मेहंदी लगाके रखना !!

मेहंदी लिथेसिई कुल का काँटेदार आठ दस फुट तक ऊंचा झाडीनुमा पौधा होता है , जिसका वैज्ञानिक नाम लॉसोनिया इनर्मिस है। इसे त्वचा, बाल, नाखून, चमड़ा और ऊन रंगने के काम में प्रयोग किया जाता है। जंगली रूप से यह ताल तलैयों के किनारे उगता …

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