30 अप्रैल को सुबह सुबह शैलेश भारतवासी जी के फेसबुक स्टेटस पर मेरी नजर गई ... क्या कभी ऐसा भी हो सकता है कि मातम और उत्सव इतनी जल्दी-जल्दी हों कि इंसान उनका एहसास न कर सके। गौरव शर्मा (Gaurav Sharma) के परिवार के साथ कु…
समाज में भांति भांति के अंधविश्वास व्याप्त हैं , जो बुद्धिजीवी वर्ग को स्वीकार्य नहीं हो सकते , पर इन अंधविश्वासों के मध्य भी कुछ वैज्ञानिक सत्य हैं , जिनका खुलासा हमारे पिताजी श्री विद्या सागर महथा इस पुस्तक में कर रहे …
कुछ दिनों पूर्व एक उलझा हुआ सवाल मिला था , कहते हैं कि नियति निर्धारित है और उसे परिवर्तित नहीं किया जा सकता. तो क्या स्त्री की नियति भी निश्चित है जो उसे सदियों से भोग्या बना कर रख दिया गया है? पुरुष वर्ग ने ही सारी किस्मत का…
Mahila divas kab manaya jata hai पिछले माह ट्रेन से आ रही थी , रिजर्वेशन नहीं होने और भीड के अधिक होने के कारण महिला बॉगी में चढ गयी , यहां हर वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली महिलाएं मौजूद थी , बच्चियों , युवतियों से लेकर वृद्ध…