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अपने हिस्‍से का सुख (कहानी) .... संगीता पुरी

hamari kahani मात्र एक खबर से पूरे घर में सन्‍नाटा पसर गया था। सुबह एक्‍सीडेंट के बाद से ही सबके कान समय समय पर फोन पर होनेवाले बातचीत में ही लगे थे , इसलिए फोन रखते हुए 'मामाजी नहीं रहें' कहनेवाले पुलकित के धीमे से स…

पोस्‍ट के माध्‍यम से ही लोगों को जबाब देने का सिलसिला शुरू .....

परसों मेरी लेख पढने के बाद एक ब्‍लॉगर भाई का ईपत्र मिला ...... कल फिर आपकी एक अच्छी पोस्ट पढने को मिली। उसी के साथ करीब साल भर पहले की एक कसक भी उभर आई, जब बहुत ही ज्यादा परेशानी में बड़ी आशा से आप का मार्ग-दर्शन चाहा था पर …

बचपन में मैं ऐसी ही कुंडलियां बनाती होऊंगी ......

अपने द्वारा बनायी गयी 27 वर्ष पहले की जन्‍मकुंडली मिलने के बाद मैं ज्‍योतिष के क्षेत्र में अपने अनुभव को लेकर काफी खुश थी और इंतजार कर रही थी कि पापाजी कब दिल्‍ली पहुंचे और मैं उनसे इस संबंध में बात कर सकूं। जैसे ही उनके दिल्‍ली…

ज्‍योतिष का अनुभव

अपरिचित लोगों के फोन का आना मेरे लिए बिल्‍कुल सामान्‍य बात है । परसों रांची से एक सज्‍जन ने मेरे मोबाइल पर फोन किया। उन्‍होने नाम बताया , पर नाम नहीं बता सकती मैं। उन्‍होने परिचय देते हुए बताया कि 27 वर्ष पूर्व वे मेरे पिताजी …

दोनो बच्‍चों के लिए स्‍वीट बनी रहे !!

बच्‍चों के लिए मां का क्‍या महत्‍व है , यह उन बच्‍चों से पूछिए जिनकी माता नहीं और वे दूसरे बच्‍चों के सुख देखकर आहें भरते हैं। वैसे समय इतना गतिशील है कि किसी के होने न होने का इसपर कोई प्रभाव नहीं पडता। पिछले वर्ष 3 मई को हुई एक…

कोशिश करनी चाहिए .. हम कुछ अच्‍छा काम करें !!

कुछ दिन पूर्व एक दंपत्ति से मिलना हुआ , अपनी पुत्री के विवाह के प्रयास में काफी दिनों से जहां तहां चक्‍कर लगा रहे हैं , पर कहीं भी सफलता नहीं मिल रही है। उनको शक है कि वो जहां भी बातचीत करते हैं और बात आगे बढने को होती है , उन…

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