आसमान में पूर्वी क्षितीज पर सूर्योदय के दो घंटे पहले तथा पश्चिमी क्षितिज पर दो घंटे बाद दिखाई देने वाले शुक्र ग्रह को आप सभी ने अवश्य देखा होगा। इसकी चमक एवं शान अन्य ग्रहो से बिल्कुल अलग व निराली होती है। ज्योतिष में शुक्र को आकर्षण , प्रेम , विवाह और दाम्पत्य जीवन का प्रतीक ग्रह माना जाता है। शुक्र ग्रह मजबूत होने से व्यक्ति आकर्षक, सुंदर, मनमोहक, सुखी रहता है। साथ ही प्रेम-संबंध मजबूत और दाम्पत्य-जीवन सुखद होता है। शुक्र की दो राशियां वृष और तुला है।
कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि को शुक्र ग्रह के दोनो राशियों में से तुला में सूर्य तथा वृष में चंद्रमा होता है, जो क्रमश: आत्मा और मन का प्रतीक ग्रह है। वृष राशि में ही चंद्रमा के प्रिय रोहिणी नक्षत्र का वास है। क्या संयोग है कि हिंदू धर्म के अनुसार इस तिथि को सुहागिन और अविवाहित स्त्रियों के द्वारा करवा चौथ का लोकप्रिय निर्जला व्रत रखा जाता है। पूजा की विधि देशभर में भिन्न भिन्न हो सकती है, कथाएं भी अलग अलग हो सकती हैं, पर ग्रहों की स्थिति को देखते हुए माना जा सकता है कि सबका लक्ष्य एक है , अपनी मन और आत्मा को शुद्ध कर दाम्पत्य जीवन को अधिक से अधिक मजबूती देने की खुद की तपस्या , बुजुर्गों का आशीर्वाद और ईश्वर से प्रार्थना, चंद्रोदय के बाद चंद्र को अर्घ्य देने के बाद ही पति के हाथो अन्न जल ग्रहण कर व्रत तोडा जाता है।
इस वर्ष 18 अक्तूबर को रात 10 बजकर 48 मिनट पर चतुर्थी तिथि का प्रारंभ हो रहा है। यह 19 अक्तूबर को शाम सात बजकर 32 मिनट तक रहेगी। दोनो ही दिन चंद्रोदय चतुर्थी तिथि के अंतर्गत नहीं हो पाएगा, क्योंकि 19 अक्तूबर, बुधवार को चंद्रमा का उदय रात 9 बजे के आसपास होगा, समय में स्थान के हिसाब से कुछ परिवर्तन होते हैं। पर पूजा के वक्त शाम 5:43 से 6:59 तक चतुर्थी तिथि होगी , साथ ही पूजन के वक्त वृष लग्न का उदय होगा , जिसमें रोहिणी नक्षत्र का चंद्रमा मौजूद होगा , इसलिए यह त्यौहार 19 अक्तूबर को मनाया जा रहा है। 19 अक्तूबर को एक ग्रह मंगल को छोडकर सभी ग्रहों की स्थिति बहुत अच्छी है , इसलिए आनंदमय वातावरण में सारे कार्यक्रम संपन्न होंगे।
पर मंगल की कमजोर स्थिति मेष और वृश्चिक लग्न वालों के स्वास्थ्य की, तुला और मीन लग्न वालों के धन की , कन्या और कुभ लग्न वालों के भाई-बंधु की , सिंह और मकर लग्नवाले के किसी सामान या संपत्ति की , कर्क और धनु लग्नवालों के पढाई लिखाई या संतान पक्ष की , मिथुन और वृश्चिक लग्नवालों के किसी झंझट की , मेष और कन्या लग्नवालों के रूटीन की, सिंह और मीन लग्नवालों के भाग्य की, कर्क और कुंभ लग्नवालों की प्रतिष्ठा की, मिथुन और मकर लग्न वालों के लाभ की , वृश और धनु लग्न वालों के खर्च की कुछ समस्या उपस्थित कर सकती है। पर मंगल की गडबड स्थिति के कारण प्रेम और दाम्पत्य के इस त्यौहार करवा चौथ में आपसी संबंध या प्रगाढता में थोडी कमी या दूरी महसूस करने वाले पति पत्नी वृष और तुला लग्न वाले पति-पत्नी होंगे।